
आज नवसंवत्सर 2079 का चैत्र शुक्ल पक्ष में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाने वाला पावन पर्व “श्री राम नवमी ” है।

श्री अयोध्या धाम में, जो कि मेरी भी जन्मभूमि है,- दोपहर के ठीक बारह बजे वहाँ के कनक भवन में रामजन्म का विशेष आयोजन होता है।वैसे तो घर-घर में और हर मन्दिर में मनाया जाता है ये पर्व पर कनक भवन में होने वाला आयोजन दर्शनीय होता है टेलीविजन पर भी टेलीकास्ट होता है पूर्ण कार्यक्रम। अब तो राम जी को जन्में लगभग चार घण्टे हो रहे हैं चरणामृत औ प्रसाद वितरण चल रहा होगा, आपके साथ चर्चा करते हुए पैंतालीस वर्ष पूर्व के दृश्य मेरे नयनों के सम्मुख चलचित्र की भांति चल रहे हैं।
यद्यपि घर पर भी मैंने हलवा,पूरी, खीर और चने बनाकर विधि-विधान से पूजन किया और “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया” के भाव से अखिल विश्व के लिए करबद्ध प्रार्थना की तदापि जो अनिर्वचनीय आनन्द उस प्रांगण का है वो कहाँ? खैर, अब जब श्रीराम अवतरित हो चुके हैं तो आप सभी को “श्रीराम नवमी की कोटि-कोटि हार्दिक शुभ कामनाएँ।
पूरा संसार व्यथा- काल से निकल कर उन्मुक्त हो स्वस्थ और खुशहाल रहते हुए श्रीराम मय हो जाए। राम भक्त कर्म-पथ का अनुपालन करते हुए राम राज्य को लौटा लाने में सक्षम हो यही मेरी चिरप्रतीक्षित अभिलाषा है।
श्रीराम जय राम जय जय राम।
श्रीराम जय राम जय जय राम।।