कविता
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पल दो पल के जीवन में
__प्रीति चौधरी “मनोरमा” प्रेम की एक कहानी हैपल दो पल के जीवन में,यादें चंद सुहानी हैं,पल दो पल के जीवन…
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सात घोड़ों वाला देदीप्यमान सूर्य
__रीमा सिन्हा(लखनऊ) सतरंगी सूर्य को पूजते ऋषि मुनि और देवतागण,परम सौंदर्य से सुरभित होता मनोहर वातावरण। ऊर्जा का संचार है…
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गुरु वंदना
__अनुराधा प्रियदर्शिनी संताप मन का मिटे।जब गुरु संग रहे।ज्ञान का दीपक जले।हिय प्रकाशित करे।। सन्मार्ग पर ले चले।ईश का बोध…
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स्वास्थ्य ही धन है
__अलका गुप्ता ‘प्रियदर्शिनी‘ रोग तन का बुरा रोग मन का बुरा, काया को कर निरोगी संभल जा जरा ।कपट मोह…
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पतझड़
__बृजकिशोरी त्रिपाठी पतझड़ तेरा आना सास्वत है तुम आते हो हर वर्ष।पेडो़ के जीर्ण सीर्ण पत्ते गिरा कर नुतन सृजन…
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(जय माँ सरस्वती)
__ज्ञानेन्द्र पाण्डेय “अवधी-मधुरस” अमेठी श्वेतु परिधानि धारि , श्वेतु हंस पै सवारि ,वीना अंकु माहिं दाबि , शोभितु माँ भारती…
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मेरे लिए
. __बिमल काका गोलछा “हँसमुख” क्यों वक्त इतना सा ही लेकर आये मेरे लिए,चन्द लम्हें और समेट लेते आप मेरे…
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कुछ शब्द खोना नहीं पाना चाहता हूं।।
कैलाश चंद साहू अंधेरी कोठरी सुरंग है गहरीयादों की पटरी बहुत ही पहरीहर शब्द है गहरा असर नहींसरल शब्द मधुर…
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पर्णकुटी
राजीव कुमार झा हम खुद कोभीतर – बाहर सेकितना जानतेकई बारअपने आप कोजब ठीक सेपहचानतेतभी दूरदराज कीअनजानीगलियों की खाकछानतेकाफी समय…
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बाबू जी का घर
राजीव कुमार झा इसी घर मेंहमारा जन्म हुआयहां से बच्चेपढ़ने के लिएस्कूल जातेमैंदान में खेलकरघर लौट आतेजिंदगी कीपरेशानियों मेंअक्सरहम अपना…
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