गजल
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मेरी एक गजल पेश ए नजर
__कैलाश चंद साहू छोड़ भी दो तराना ये बहार काजमाना है यार अब झनकार का।। दर्द भरा है ये रास्ता…
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गजल पेश ए खिदमत
__कैलाश चंद साहू खूबसूरत दिलो पर कद्रदानी लिखूंगामुहब्बत भरी कहानी जुबानी लिखूंगा।। हर तरफ फैली फिंजा में रूहानी फिरबात की…
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आँखो में अपनी दोस्तो ऐसी नज़र पैदा करो
__डॉ रमेश कटारिया पारस आँखो में अपनी दोस्तो ऐसी नज़र पैदा करोपत्थर भी पिघल जाएआवाज़ में वो असर पैदा करो…
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ग़जल
डॉ.रमेश कटारिया पारस पहले सी अपनी अब वो वसुंधरा नहीँ रहीवीरों को जन्म देती वो उर्वरा नहीँ रही सभी इंद्रियां…
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हर तरफ़ पानी ही पानी चाहता हूँ
__डॉ रमेश कटारिया हर तरफ़ पानी ही पानी चाहता हूँनदियों में फ़िर से जवानी चाहता हूँ बाँध टूटे या कहीँ…
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ग़जल
__डॉ रमेश कटारियापारस हर तरफ़ पानी ही पानी चाहता हूँनदियों में फ़िर से जवानी चाहता हूँ बाँध टूटे या कहीँ…
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जाति पांति के बंधन मुक्त्त रखो इंसान को
__कैलाश चंद साहू जाति पांति के बंधन मुक्त्त रखो इंसान कोधरती बांटी अम्बर बांटा मत बांटो इंसान को।। कर्म धर्म…
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आस्तीन में चाहे सांपों को पालना
__डा.रमेश कटारियापारस आस्तीन में चाहे सांपों को पालनापर सच को सच कहने की आदत ना डालना जाना है तुझे दूर…
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जब तेरी गली से मै गुजरा तो बहुत रोया
__कैलाश चंद साहू जब तेरी गली से मै गुजरा तो बहुत रोयाक्यूं कि बेदर्द देख पता चला तो बहुत रोया।।…
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उनकी वजह से हम यूं खतावार हो गए
__कैलाश चंद साहू उनकी वजह से हम यूं खतावार हो गएऐसा लगा कि जैसे हम तलबगार ही गए।। हमने ऐसा…
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