आध्यात्मिक
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जय माँ स्वेत पद्माआसना
__बृजकिशोरी त्रिपाठी हरि बिनु संकट कौन निबारे।हे रघुनंदन प्राण पियारे।दिन हिन अतिसय मलिन हूं,जाऊँ केहि के द्वारे।हे रघुनाथ आज मेरी…
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गणेश-वन्दना (सवैया छंदों में)
डा0सत्यदेव प्रसाद द्विवेदी पथिक एक दन्ती लिए संग लक्ष्मी प्रभो,स्वागती के गृहे में पधारो सदा।विघ्न हर्ता तुम्ही बुद्धि भर्ता तुम्ही,शेष…
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शबरी प्रसंग सवैया
__राजेश श्रीवास्तव राज श्रमणा इक भील प्रजाति कहीं, कुटिया ऋषि खूब सवांर रही।पग शूल चुभें कहिं राघव के, नित भोर…
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मारुति नंदन विघ्न निकंदन
__(मंदिरा द्वितीय सवैया)डा सत्यदेव द्विवेदी पथिक । मारुति नंदन विघ्न निकंदन,पापहिं तापहिं आप हरो ।कष्ट गरो प्रभु के परतापहिं,रामहिं जाप…
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तुम संकट मोचक हो जग में
__डॉ सत्यदेव द्विवेदी पथिक तुम संकट मोचक हो जग मेंसबका दुख पार करो बजरंगी ।जिसने भर भाव पुकार कियाउसकामनुहार वरो…
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शनिदेव-वंदना (गंगोदक छंद में)
__डा0सत्यदेव द्विवेदी पथिक। सूर्य के पुत्र हो न्याय के सूत्र हो,आपकी श्रेष्ठता में भरी नंदना।कृष्ण काया भली दृष्टि है प्रांजली,तेल…
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राधा-कृष्ण
__भानुजा राधा जपती श्याम को,मोहन राधा नाम।एक बसे वरसाने में,दुसरा गोकुल धाम। वरसाने की लाडली,गोकुल नन्द किशोर।दोनो के अनुठे प्यार,…
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माँ विन्ध्यवासिनी
__भानुजा हे मा विन्ध्यवासिनी दया करो।हे कृष्ण अनुजा दया करो।हे नन्द यसुदा नन्दनी हम पर कृपा करो।हे पहाड़़ निवाशनी मनोरथ…
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गुरु बृहस्पति-वंदना (दुर्मिल सवैया)
__डा0सत्यदेव प्रसाद द्विवेदी पथिक। ———-×—‐——-सतपंथ चलें जग जीव सभी,गुरुदेव बृहस्पति ग्यान भरो।अरु मान भरो निज संस्कृति की,सबमें अपनी पहचान ढरो।…
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हस्ति का शीश ये बुद्धि वागीश है
__डा सत्यदेव द्विवेदी पथिक । ————×———हस्ति का शीश ये बुद्धि वागीश है,नेत्र में है भरी दूर की दृष्टि है ।कर्ण…
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