साहित्य
अगड़म बगड़म बोलो मत जी

डॉ रामशंकर चंचल
अगड़म बगड़म बोलो मत जी
अटरम सटरम खाओ मत जी
खुसर फुसर तुम कभी करो मत
टुकर टूकर ही देखो मत जी
बात बड़ो की सोलह आनी
अगर मगर से टालो मत जी
लिखा पुराना सच्चा सीधा
उलट पुलट कर डालो मत जी
बड़ बड़ करना बहुत बुरा है
गड़ बड़ करना बहुत बुरा है
बहुत बुरा है भडभड करना
लड़ लड़ करना बहुत बुरा है
चटक मटक कपड़े मत पहनो
सुन लो भाई सुन लो बहनों
झूठ न बोलो करो न हिंसा
प्यार करो सब नन्हें मुन्नो
तुम्हीं देश के सोना चांदी
राम कृष्ण और गोतम गांधी
तुन्ही देश के लिए फूल हो
दुश्मन के हित दूजर्य आंधी
डॉ रामशंकर चंचल
गोपाल कालोनी
झाबुआ मध्य प्रदेश