‘अपनी अपनी डफली’

—–बाल मुकुन्द द्विवेदी
अपनी डफली और अपना ही राग
छेड़ दिये हैं ‘ अब तो मोदी तू भाग’
बेमेल भले ही लगे यह गठबंधन
पर शायद इससे जाये भाग्य जाग
कुछ तो कट्टर प्रतिद्वंदी भी निकले
कुछ तो हैं इसमें आस्तीन के साँप
सत्ता से जबसे दूर रख दिया इन्हें
तबसे अपनी दुर्दशा गये सब भाँप
शायद मोदी के सत्ता से हटने पर भी
इनकी समस्या का ना होगा समाधान
पर इससे इनके मन के घाव भर जायें
इसलिये प्रतिवाद करना लगे आसान
लगता मन में सबके लड्डू फूट रहे हैं
चींटी भी आसानी से हक नहीं छोड़ेगी
अगर बस चला तो जोर आजमा कर
सत्तासीन होते नया गठबंधन जोड़ेगी
जब बात सत्ता पर अधिकार का हो
तब बेमेल गठबंधन कभी टिक न पाते
आज तो मधुर सम्बन्ध की बातें कर रहे
कल किसी को फूटी आँख नहीं सोहाते
बेमेल व्याह जब यहाँ टिक नहीं पाता
बेमेल गठबंधन फिर कैसे टिक पायेगा
आज जो हाथ पकड़े हुए उछल रहे हैं
कल आपस में दो-दो हाथ हो जायेगा
–बाल मुकुन्द द्विवेदी, पटना