
कमला सिंह
तपती गर्मी ने उनको
बेहाल कर दिया
मैंने छू कर उनको
निहाल कर दिया
मेरी आहट सुन
खुशी झूमने लगी
हर फूल पत्ती डाली
को चूमने लगी
जिंदगी की कहानी
है मुझ बिन अधूरी
मैं कर देती हूं
चाहने वालों की
इच्छा पूरी
जान पर बन आती है
जिनको मैं नहीं मिलती
मुझ बिन दुनिया की
कोई कली नहीं खिलती
मैं हूं सब की खुशी
और सब की हंसी
नींद नहीं आती
चैन उड़ा जाती
मेरी कमी सबको
हताश कर जाती
खुशबू हूं मैं
मेरे झोंकों में
हर किसी को
राहत मिल जाती है
मैं हवा हूं
तुम मुझ बिन
और मैं तुम बिन
रह नहीं पाते
हर पल एक दूसरे
को याद आते हैं
तुम हो तो मेरी
पहचान है
मुझे महसूस करने की
तुमको एहसास है
कमला सिंह