
बिमल काका गोलछा “हँसमुख”
दिल में चाह होती है।
मन में उमंगे होती है।।
खुशी होती औलाद की।
पहली बार जब रोती है।।
मन में खुशियां होती।
नये सपने पिरोती है।।
जन्म का पहला दिन।
जब मां मुस्कुराती है।।
फिर नहीं होता ऐसा।
जब औलाद रोती है।।
“हंसमुख” फिर मां भूल।
वैसी नहीं मुस्कुराती है।।
बिमल काका गोलछा “हँसमुख”
श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर) राजस्थान