काफिया आयेंगे रदीफ़ जरुर
__अनिता निधि

जब भी बुलाओगे मुझे आएंगे जरूर,
प्यार के गीत हम गुनगुनायेंगे जरूर.
जीवन चार दिनों की कहानी है प्रिये,
तुम संग प्रीत की रीत निभाएंगे जरूर.
छोड़ भी दो तुम बीती बातों की बातें,
अब तो हम आगे ही कदम बढ़ाएंगे जरूर.
भविष्य को किसने देखा है सनम,
हम आज को प्यार से रंगीं बनाएंगे जरूर.
उल्फत की डगर है कठिन जरूर सनम,
मोहब्बत से अपनी राहें आसान करेंगे जरूर.
जीवन की कठिनाइयों से हमें ना डरना है,
खुशियों के फूलों से महकायेंगे जरूर.
पेड़ की छांव में आओ जरा सुस्ता ले ‘निधि’,
तेरी बाहों में ही हम जीवन बिताएंगे जरूर.
अनिता निधि
जमशेदपुर, झारखंड