
__सीताराम पवार
“खुद पर्दे के पीछे बैठकर दुर्दांत गुंडों की फौज पाल लेते हैं”
तकदीर बदलने के लिए लोग आंखों में धूल डाल देते है
क्या खूब तरकीब आजमाई गरीबों की किडनी निकाल लेते है।
जहर बेअसर हो जाएगा ऐसे आस्तीन के सांपों का
और शोहरत पाने के लिए ये भले इंसान पर जूता उछाल देते है।
अजीब फितरत हैं दुनिया में आजकल इंसानों की यारो
मानव तस्करी का धंधा कर ये मानवता को बेहाल कर देते है।
दौलत के लालच में आकर यह जालिम अपना जमीर बेच देते है
चश्मदीद गवाह बनकर अदालत में यह सफेद झूठ तक बोल देते है।
दंगे फसाद हत्या लूट करवाना इनके तो बाएं हाथ का खेल है
खुद पर्दे के पीछे बैठकर दुर्दांत गुंडों की फौज पाल लेते हैं।
धर्म-कर्म की दुहाई देना जहरीले सांपों को दूध पिलाने जैसा हैं
गरीबो लाचारो को भी यह इनकी बस्ती से निकाल देते है।
सरकारों का इनके सर पर हाथ है फिर इनका कुछ नहीं बिगड़ेगा।
यह जो चाहे वह कर लेते हैं क्योंकि नेता और वकील इन्हें संभाल लेते है।
सीताराम पवार
उ मा वि धवली
जिला बड़वानी
मध्य प्रदेश