__संगीता श्रीवास्तवा

देश की आन पर आया संकट जब जब,
वीर जाबांजों ने की ऊंची शान तिरंगे की तब तब।
रणभूमी मे शौर्य दिखाते हिन्द के जवान जब
,चुनचुन करते बैरियों के, काम तमाम जब ,
गर्व से लहराया तिरंगा आसमान में तब।
देश पड़ोसी ने जुर्रत जरा दिखाई जब जब,
हिन्द के जवानों ने,मुहतोड़ जवाब दिया तब तब,
खा तिरंगे की कसम, उतरे युद्ध के मैदान मे जब।
बैरियों से घिर के भी न होने दी शान कम,
ले तिरंगा हाथ मे हो गये कुर्बान जब,
,दी तिरंगे ने सलामी, उस शहीद के सम्मान मे तब।
संगीता श्रीवास्तवा
वाराणसी यूपी।