__✍सुमित मानधना ‘गौरव’ सूरत।

तेरा यूं छुप छुप कर मुझे देखना,
तेरा यूं बिन बात के ही मुस्कुराना,
सच में मुझे बहुत अच्छा लगता है।
तेरा यु शर्मा के पलके झुका लेना,
उंगली पर अपने दुपट्टे को लपेटना,
सच में मुझे बहुत अच्छा लगता है।
तेरा यूं प्यार से मुझे ही निहारना,
टकटकी लगाए एक टक देखना,
सच में मुझे बहुत अच्छा लगता है।
तेरा यूं मेरे इतने ज्यादा करीब आना,
सांसों का सांसों से आपस में टकराना सच में मुझे बहुत अच्छा लगता है।
मेरा यूं तेरी कोमल बांह को पकड़ना
कसकर तुझे अपने सीने से लगाना, सच में मुझे बहुत अच्छा लगता है।
✍सुमित मानधना ‘गौरव’ सूरत।