साहित्य
दिवस महान

मीरा भारती
हर्षित श्रमिक मन,
है संघर्ष ही जीवन,
कमाई ही कर्म धन,
समता सदा रहे।
बनाए सुखद धाम,
करम हो अविराम,
पाठन पठन काम,
नम्रता सदा रहे।
पसीना श्रमिक भाल,
कुशल भारती लाल,
दीपक की बन ज्वाल,
झूमता सदा रहे।
सबसे मित्रता रहे,
कहीं न वेदना रहे,
सदैव सद्भाव मन,
रमता सदा रहे।
@ मीरा भारती
बिहार,पटना।