
__डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित
दीप जलाओ ज्ञान का ,उर में हैं अंधियार।
तत्व ज्ञान की चाह में,राह बैठे कईं हज़ार।।
जगमग जीवन ज्योति की बड़ी निराली बात।
फैले ज्ञान ज्ञान का देखिए चले उजाला साथ।।
ज्ञान बिना मिलता नहीं , जगत का कोई ज्ञान।
ज्ञान जिसे ही मिल गया ,बस वो बना भगवान।।
रूप रंग सब झूँठ है,एक साँचा हरि का नाम।
जपते – जपते तुम करो,जीवन के सब काम।।
ईर्ष्या कभी न कीजिए, यह है झूँठी आग।
प्रेम की बगिया जब जले, उजड़े सारा बाग।।
ज्ञान किंवाड़ी खोल दी, लखा दियो संसार।
साथ कोई देता नहीं,झूँठा जगत का प्यार।।
एक हरि का नाम ही,जीवन का आधार।।
ज्ञान की गठरी बांध लो,जीतो फिर संसार।।
–डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित
भवानीमंडी