
__प्रीति चौधरी “मनोरमा”
प्रेम की एक कहानी है
पल दो पल के जीवन में,
यादें चंद सुहानी हैं,
पल दो पल के जीवन में।
मरूद्यान सा जीवन है
दुःख से कलुषित अंतर्मन है
कभी सुख वर्षा मस्तानी है
पल दो पल के जीवन में।
दुख सुख का संगम है जीवन,
भावों का उद्गम है जीवन,
नयनों में तनिक पानी है
पल दो पल के जीवन में।
मिलन के साथ जुदाई है
भीड़ में भी तन्हाई है,
प्रेम की दरिया में रवानी है
पल दो पल के जीवन में।
रस्मों की ऊँची दीवारें,
रिवायतों की मीनारें,
प्रीति बहुत दीवानी है
पल दो पल के जीवन में।
पल दो पल का मेला है
फिर इंसान अकेला है
जीवन राहें अनजानी हैं
पल दो पल के जीवन में।
जीवन में मृत्यु का चलन है
सुंदर इससे यह उपवन है
मौत अवश्यम्भावी आनी है
पल दो पल के जीवन में।
प्रीति चौधरी “मनोरमा”
जनपद बुलन्दशहर
उत्तरप्रदेश