__कैलाश चंद साहू

पावन हो सद कर्म हमारे, मन के भाव सजल करदो
वीणा के तारो से मां शारदे, मेरा गीत अमर कर दो।।
चरणों में समर्पित मन मेरा, ओझ भाव मन में भर दो
वंदन अभिनंदन माता, शीश पगा मन निर्मल कर दो।।
इस जहां आया लेकर, विश्वास मन विमल मति दो
भाव विहल मन मेरा, मन नख शिख से तुम गति दो।।
गाता रहूं तराना मधुर, वाणी में मधुर झनकार दो
मन नहीं रहे कोई दुराचार, जीवंत सदा फनकार दो।।
तेरी गोदी में जन्मा, पैरो से मन विकार निकाल दो
मन भावन हो कर्म सदा, मन से सभी तम मिटा दो।।
मेरे मन मंदिर को तुम, वंदनीय अभिनंदनीय कर दो
करू सदा तेरा वंदन अभिनंदन माता वर अर्पित दो।।
मेरा मन बरसाना करे मात, तन को वृंदावन कर दो
गोकुल में घनश्याम , देई को बाबा का धाम कर दो।।
कैलाश चंद साहू
बूंदी राजस्थान