पिया प्रेम माधुरी (दोहे )
__कल्पना भदौरिया “स्वप्निल “

जीवन मंगल आज ये, पाकर पावन साथ |
बंधन साजन प्रेम का, सुंदर सूरत नाथ ||
जीवन यापन के लिए, साजन स्नेहिल साथ |
मानस वाहक आप है, बंधन राघव नाथ ||
जीवन मंगल संग है, सादर वंदन यार |
भूषित भूषण नेह हो, शीतल साधक सार ||
सुंदर जीवन हो गया, पाकर राघव यार |
मोहक मंडप मन सजा,प्रीतम पावन धार ||
सूरत साजन साँवली, राघव सुन्दर नाम |
बंधन बाँधत प्रेम का, संयम जीवन धाम ||
राघव इन्दर आप से, हर्षित जीवन आज |
नैनन गावत प्रेम है, सादर साधत साज ||
जीवन संयम से भरा, साजन तीरथ आप |
जीवन मंगल धाम के,पावन दर्शन जाप ||
हार्दिक स्पन्दन भावना, सुन्दर मोहक साथ |
रोशन भीतर दीप से, अर्पित जीवन नाथ ||
जीवन सुन्दर हो गया, पाकर साजन साथ |
राघव सूरत राम सी,वंदन करती नाथ ||
राघव पंकज पाद छू, जीवन मंगल अर्थ |
शोभित प्रीतम संग मैं, जीवन नाहक व्यर्थ ||
राघव सागर आप है, जीवन चंदन बास |
पातक आतुर प्रेम को, पावन नैनन प्यास ||
कवयित्री
कल्पना भदौरिया “स्वप्निल “
लखनऊ
उत्तरप्रदेश