
__सीताराम पवार
“सद्साहित्य पढ़कर ही हम साहित्य की वकालत करने वाले है”
हम साहित्य के सारथी नही साहित्य की इबादत करने वाले है
हम इन शब्दों की इबादत से साहित्य की हिफाजत करने वाले है।
आजकल साहित्य जगत मे हमने शब्दों का दुरुपयोग होते देखा है
कुछ लोग साहित्य की सेवा नहीं साहित्य की तिजारत करने वाले है।
साहित्य जगत मे इन शब्दों के चयन से श्रेष्ठ साहित्य निर्मित होता है
श्रेष्ठ साहित्य से अब हम इस समाज को सलामत रखने वाले है।
सत्य शब्दों के शिल्पी है हम साहित्य मे शब्दों का संसार हमारा है
सद्साहित्य पढ़कर ही हम साहित्य की वकालत करने वाले है।
साहित्य के ठेकेदारों ये साहित्य का अब व्यापार करना छोड़ दो तुम
हम साहित्य के सारे असली सेवक अब बगावत करने वाले है
दौलत शोहरत के लालच में साहित्य को तुमने क्या से क्या बना डाला।
ये कान खोल कर सुन लो तुम अब तुमसे हम भी अदावत करने वाले है
साहित्य समाज का दर्पण है सद्साहित्य का अक्स दिखाना होगा
सद्साहित्य समाज में आजाए तो उससे हम मोहब्बत करने वाले है
सीताराम पवार
उ मा वि धवली
जिला बड़वानी
मध्य प्रदेश