
__संगीता श्रीवास़्तवा
आया मौसम बारिश का,
घर आंगन गीला गीला।
बच्चों के तो खूब मजे हैं,
चल पड़ी कागज की नैया।
ताल तलैया पानी से भरे
उछल रहे मेढक संग बच्चे,
छोटे. छोटे गड्ढों मे आ
मछलियां भर रहीं कुलाचें।
कछुए ने काया फैलाई
बाहर की दुनिया उसे भाई।
टहल रहा तालाब किनारे,
आहट पा झट छलांग लगाई।
जीव जन्तु उत्सव हैं मनाते,
अपने अपने सुर मे सब गाते,
किसी ने राग मल्हार सुना
टर् टर् कोई टेर लगाये।
संगीता श्रीवास़्तवा
वाराणसी यूपी।