साहित्य
मंजिल

अनिता मंदिलवार सपना
मंजिल तुझे तो
हर कोई
पाना चाहता है
हाँ, ये है कि
तरीके तुम तक
पहुँचने के अलग है
कोई मेहनत कर
पाता है तुम्हें
कोई कम अवधि में
अन्य तरीके से
पाना चाहता है
कुछ लोग
दूसरों को हटाकर
अपनी मंजिल
पाना चाहते हैं
पर ऐसे लोगों के लिए
संदेश है
दूसरों को पंक्ति से
हटाने में
ऊर्जा मत गंवाइये
अपनी पंक्ति
नई बनाइये
और
नव ऊर्जा के साथ
आगे बढ़िए
एक अलग
मंजिल तक पहुँचेगें
और अपने आप पर
गर्व महसूस करेंगे ।
अनिता मंदिलवार सपना
अंबिकापुर सरगुजा छत्तीसगढ़
बहुत सुन्दर रचना