साहित्य
मकर संक्रांति

राजेश श्रीवास्तव राज
मकर संक्रांति पर्व,अति शुभदाई फल।
अन्नदान कर यह,मंगल अतिकारी है॥
पंजाब में लोहड़ी है,कच्छ में उत्तरायण।
तमिल में पोंगल है,उत्तर माघ मेला है॥
तिल गुड़ खाएं सभी, दान करें इसे संग।
वर्ष का प्रथम पर्व, महत्व भी महान है॥
सभी प्रांत मिलजुल, इसको मनाते सदा।
भिन्न भिन्न नाम इसे,सबको बतलातें हैं॥
आओ हिल मिल सभी, पर्व यह मनाते हैं।
प्रेम भाव बना रहे,यहि रीति अपनाते हैं॥
कहीं कहीं सभी मिल, पतंगें भी उड़ाते हैं।
खिचड़ी व तिल गुड़,खाते और खिलाते हैं॥
स्वरचित मौलिक रचना
राजेश श्रीवास्तव राज