साहित्य
मां महागौरी

वसुंधरा धर्माणी
अष्टम रूप जानो मैया का
उज्ज्वला स्वरूपा महागौरी
गौर वर्ण हैं मां अति सुंदर
मनमोहक छवि अति प्यारी
अति पराक्रमी, वरदायिनी मां
नंदी वाहिनी, सौभाग्य दायिनी
शुभ करे नित सबके काज
कन्या पूजन करे जो आज
श्वेतवर्ण शोभिनी, मां चतुर्भुजा
हस्त त्रिशूल और डमरु सजा
संगीत, गायन की प्रिय देवी मां
विद्या, बुद्धि, यश दात्री मां
हलवा, पूरी का शुभ भोग लगे
नारियल भी मां को प्रिय लगे
लाल पुष्प अर्पित करे पूजन
सुख, समृद्धि,पाये सब जन
वसुंधरा धर्माणी
घुमारवीं बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश