मेरा हृदय उद्गार
पुलिस

गिरिराज पांडे
जरूरत पुलिस की सबको है लेकिन पसंद कोई नहीं करता है
आशा सुरक्षा की सभी लगाएं पर सम्मान न दिल से करता है
हम सब अपने हर संकट में सहयोग पुलिस का लेते हैं
फिर भी ना जाने क्यों उनको दिल में जगह न देते हैं
उनकी परिस्थिति क्या होती ओ किस किस राह गुजरते हैं
कोई नहीं समझ पाया संघर्ष ओ कितना करते हैं
अच्छा हो या बुरा यहां आरोप तो उन पर लगना है
नेता की जो बात न माने देते हर दम धरना है
वै बधे हुए है जंजीरों से अपने नियम कायदे के
समझ सको तो समझ लो अब भी ये हैं बड़े फायदे के
परिवार संग हम चैन से सोते रात रात वो जागे है
तेरी सुरक्षा की खातिर परिवार आज वो त्यागे हैं
हुई अगर कुछ घटना तो आरोप इन्हीं पर लगते हैं
छिपा के अपनी हर गलती पुलिस की गलती देते हैं
राजनीति का दंश सहे और अधिकारी की डांट सुने
कोई काम करें यदि मन से जनता की यदि बात सुने
कुछ अपवादे हो सकती है अन्याय यहां जो करते हैं
पर वे तेरे हर संकट में जान पे अपनी खेलते है
छोटी बड़ी कोई घटना हो याद पुलिस ही आती है
करके किनारा संकट से हर दम ही तुझे बचाती है
काम सफल हो जिससे सबका आओ अब सहयोग करें
समझ के इन के हर पहलू को इनका अब सम्मान करे
गिरिराज पांडे
वीर मऊ
रखहा बाजार
प्रतापगढ़