
__श्रीमति नीरा गर्ग
नमन मॉ,नमन मॉ,नमन मॉ
शेष महेश दिनेश , गणेश
भी करते आपको नमन
आपका गुणगान करने मे असमर्थ
मे़ै तुच्छ क्या कर सकती ?
प्रकृति महादेवी भद्रा है तु,
तु है चन्द्र रूपा, तु सुखदायिनी|
तु लक्ष्मी सिद्धी है सिंहवाहिनी|
है अन्नत रूप और कई नाम है
तेरा नाम जपते प्रात: सन्ध्या है|
तु भक्तो की कीर्ती तु सत्कार है
तु विष्णु की माया तु संसार है|
तु ही अपने दासो की रखवार है|
तुझे मॉ करोडो नमस्कार है|
तु हर प्राणी मे चेतन आधार है|
तु बुद्धि है मन है तु ही अंहकार है|
तु ही निद्रा वन देती दीदार है|
तुझे, मॉ करोडो नमस्कार है|
नमस्कार है मॉ नमस्कार है
तु ही छाया बनकर छाई हुई
क्षुधा रूप सबमे समाई हुई
तेरी शक्ति का सबमे संचार है|
तुझे मां करोड़ों नमस्कार है
नमस्कार है मां नमस्कार है
करती मां तू नमस्कार है।।
बलशाली तू उन्हें बनाती
जो माता तेरा गुण गाएं
जो अशान्त है इस धरती पर
शान्ति बनकर धीरज धराएं
श्रद्धा बनकर धीरज धराएं
भक्ति बढाए।।
तू ही लक्ष्मी बनकर भण्डार भरे
तू ही वृत्ति बनकर कल्याण करती
तू ही हर प्राणी तात और मात
दया बन समायी तू दातार है।।
तू ही शक्ति है ज्वाला प्रचण्ड है
तुझे पूजता सारा ब्रह्माण्ड है
तू ही रिद्धि सिद्धि का भण्डार है
तेरा अकबर के घमण्ड प्रहार है।।
श्रीमति नीरा गर्ग
सहारनपुर