__राजेश राठौर झूमका

यूं ही बेवजह नहीं लगती ,,
जनाजे में भीड़ साहिब,,
हर शख्स अच्छा लगता है,,
बस चले जाने के बाद!!
इस मतलब की दुनिया में,,
यारा मतलबी लोग बहुत है,,
वह पैसे वालों पर मर मिटे ,
धोखा देने वाले यार बहुत है!!
एक दिन बहुत पछताएंगे वह
यह दावा दावे से है मेरा,,
वो शाबाशी पर मोहब्बत लिखते
ऐसे लोगों की तादाद बहुत है!!
संभल जाओ अभी भी,,
तुम्हारे पास वक्त बहुत है,,
तमाशा ना बन जाए जिंदगी,,
तुम्हें फंसाने वाले लोग बहुत!!
यह दुनिया खुदगर्ज बहुत है,
खुदगर्जो से भरी-भीड़ पड़ी,,
मीठा बोल तुम्हें उलझा लेंगे,
शहद से ज्यादा ज़हर बहुत है!!
राजेश राठौर झूमका
राजगढ मध्यप्रदेश