__कैलाश चंद साहू

भूख से बेहाल बच्चो को कोई रवानी चाहिए
खेल में शामिल होकर जिंदगी की कहानी चाहिए।।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नही
आसमा से जमी पर चांदनी आनी चाहिए।।
अब तो इन बहशियो की हार होनी चाहिए
जिंदगी मुहब्बत के मुकाम से नहीं बहकनी चाहिए।।
मुकम्मल है खुशियां इस दर्द भरे जहां में
खुशियों से भरा इक चांद हमे यूं जिंदगी चाहिए।।
भुला नफरतों को हमे गले मिलना चाहिए
रोशन करदे शमा दिलो में ऐसी भावना होनी चाहिए।।
हर तरफ उदासियां सन्नाटा छा गया है दोस्तो
बस उनके जीवन में अब मुस्कान आनी चाहिए।।
खूबसूरत है उनकी जिंदगी की कहानी अब
देख उनकी सूरत मोहब्बत में रवानी चाहिए।।
गर वफ़ा निभाना नहीं आता तो प्यार भूल जा
आनंद जब तलक रहो आगोस में रात अंधेरी चाहिए।।
कैलाश चंद साहू
बूंदी राजस्थान