
__अलका गुप्ता ‘प्रियदर्शिनी’
हे रघुनंदन दशरथ नंदन,
जय जय जय श्री राम,
ओ हनुमत जप्त रहे भगवान।
राम जन्म भयो अवध नगरिया,
द्वार बजे दशरथ की बधइयां,
पुत्र प्राप्ति कर रानी कौशल्या, दिल से रही हर्षाय
ओ हनुमत जपत रहे भगवान।
राम के संग जन्म में चारों भैया, खुशी मनावें तीनों रनिया,
चहुं दिशि नाचे सब नर नारी, अवध को दिए सजाएं।
ओ हनुमत जपत रहे भगवान।
जग में छाया जब निपट अंधेरा, कष्ट ने हर जन को आ घेरा,
नियति नियंता जन्मे अवध में,
सुख के कुसुम बरसाय।
ओ हनुमत जपत रहे भगवान।
राजा दशरथ के राज्याधिकारी, अवध जन मत की आंख के तारे,
राम जन्म पर बांट मिठाई,
‘अलका’ राम मय गाय।
ओ हनुमत जपत रहे भगवान।
हे रघुनंदन दशरथ नंदन,
जय जय जय श्रीराम,
ओ हनुमत जपत रहे भगवान।
अलका गुप्ता ‘प्रियदर्शिनी’
लखनऊ उत्तर प्रदेश