राम जी के बिना कोई काम कब हुआ ?

डॉ.अनिल शर्मा’अनिल’
धड़कन में राम,राम श्वांस श्वांस में
हर हिरदय में राम,राम आसपास में
राम है धरा पर राम आकाश में
है ज्योति पुंज श्रीराम प्रकाश में
मिलते हैं हर आम और खास में
जन मन में राम,राम विश्वास में
यह अटल विश्वास,सदा से बना हुआ।
राम जी के बिना कोई काम कब हुआ ?
सूक्ष्म है राम और राम ही विस्तार
राम जी की लीला यह सारा संसार
राम नाम वाली महिमा है अपरम्पार
इसे जप हो जाते हैं भव पार
राम सिर्फ नाम नहीं,है यह संस्कार
राम नाम मानिएगा जीवन आधार
जीवन का हर पक्ष राम मय हुआ।
राम जी के बिना कोई काम कब हुआ ?
मीरा का रत्न धन प्यारे राम जी
कबीरा के मालिक हमारे राम जी
वाल्मीकि तुलसी के दुलारे राम जी
माता अहिल्या के तारनहारे राम जी
हर जीव गति को निहारे राम जी
सबके ही कारज संवारे राम जी
राम नाम, राम से,न कोई अनछुआ।
राम जी के बिना कोई काम कब हुआ ?
सुबह सवेरे सब कहें राम राम
इसके ही साथ शुरु करें सब काम
मन में बसाए रहे छवि अभिराम
होठों पे सजाएं रहे रामजी का नाम
कभी न रूकेगा,कोई कैसा भी काम
सदा ही सहाय रहे सबके श्रीराम।
राम की कृपा से ही काम सब हुआ।
राम जी के बिना कोई काम कब हुआ ?
डॉ.अनिल शर्मा’अनिल’
धामपुर,उत्तर प्रदेश