__कैलाश चंद साहू

हमारे दिल पर नहीं है काबू, डरते हैं
पल पल मुहब्बत में लोग हंसते हैं।।
किनारों से उनको क्या लेना देना
चांद सितारों में भी अक्ष देखते हैं।।
तेरे ख्वाब हम हर वक्त यूं ही देखते हैं
बार बार पलके खोल मुंदते रहते हैं।।
जो दिल के करीब हमे सदा ही पाते
हम राज दिल कभी नहीं खोलते हैं।।
आंसू बन जब वो अश्कों पर आते हैं
पुराने घाव भी हमारे यूं उभर आते हैं।।
रंग बदलते हैं वो गिरगिट की तरह
हम उनकी एक झलक को तरसे है।।
गर्दिश में सितारे उनके फिर भी जाने
जिंदगी में सदा का जहर घोलते है।।
कभी छलक आते हैं आंखो से आंसू
जब सराफत उनकी हम देखते हैं।।
कैलाश चंद साहू
बूंदी राजस्थान