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मोना बडकुल
हर इंसान को मैंने दुख से जुझते देखा है,
हर दुख से कुछ सीख लेते देखा है,
दुख के काले बादल के बाद सुख का सावन बरसते देखा है,
पिघले हुए मोम को फिर से मोम बनते देखा है,
गिरते हुए लोगों को ठोकर से संभलते हुए देखा है,
भटकते हुए राही को अक्सर मंजिल पाते देखा है,
हाथ पैर विहिन अपंग लोगों को भी कामयाब होते देखा है,
सबक यही है यारों इन सब बातों का,
ऊंचे ख्वाब देखने वालों का ख्वाब पूरा होतें देखा है,
हार को मैंने जीत में बदलते देखा है,
दुख की तपती धूप को सुख की शीतल छांव होतें देखा है,
दुख मे साहस रखो दुख को सहते हुए इतिहास बदलते देखा है!!