
कमला सिंह
कवि की कविता बदहजमी
की शिकार है
कर रही है उल्टियां
यह बेशुमार है
कोई गीत गाकर
कोई गजल सुना कर
कोई फूलों पर
कोई उपवन में
कोई हंसा कर
कोई रुला कर
कोई कविता सुना कर
कोई नगमे गाकर
कोई लेख सुना कर
कोई कथा सुना कर
कोई जिंदगी पर
कोई अमरता पर
कोई मिलन पर
कोई जुदाई पर
कोई दिल पर
कोई प्रीत पर
कवि की कविता
बदहजमी की शिकार है
कर रही है उल्टियां
यह बेशुमार है
कमला सिंह