साहित्य
भोले बाबा की गीत

अर्पणा दुबे
झूम झूम मस्ती में सब है चले
व्याह रचाने अब शिव जी चले
न घोड़ा न पालकी नाचते चले
बैल पे सवार भक्त भी मचले
पुष्पों की माला गौरा के हाथ
सज के खड़ी सखियों के साथ
माथे पे चँदा गले में माला
सुंदर मुखड़ा दिल भोलाभाला
मस्ती में झूमते नाचते गाते
सबके दिल को भोले है भाते
कर में डमरू त्रिशूल धारण
ॐ नमो का करते उच्चारण
तन में बाघम्बर गले मे नाग
बम बम गाते एक ही राग
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश।